माँ गौरी और भगवान शिव की कृपा से आपके जीवन में प्रेम, समर्पण और खुशियों की बौछार हो। गणगौर का पर्व राजस्थान में विवाहित और अविवाहित महिलाओं द्वारा बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस दिन महिलाएं मिट्टी से ईशर-गौरा की प्रतिमाएं बनाकर उनकी पूजा करती हैं और सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र तथा अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की कामना करती हैं। सोलह दिन तक चलने वाले इस व्रत में महिलाएं श्रृंगार करके, गीत गाकर और गंगौर की सवारी निकालकर उत्सव को यादगार बनाती हैं। जयपुर, उदयपुर, और जोधपुर जैसे शहरों में निकाली जाने वाली पारंपरिक शोभायात्राएं पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। गणगौर का यह त्योहार प्रेम, विश्वास और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
